इसमें तमिलनाडु के जैन धर्म सम्बन्धी इतिहास के प्रामाणिक लेख उपलब्ध करवाएँ.
2.
समाज विज्ञान संबंधी बहुत सी रपटें व प्रामाणिक लेख अखबारों में नित छपते ही रहते हैं ।
3.
देश के रंगमंच, सगीत एवं नृत्य के विविध रूपों को ध्यान में रखकर अकादमी ने एक विशेष एकक (यूनिट) स्थापित किया है जिसका काम इन विभित्र रूपों का सर्वेक्षण और प्रामाणिक लेख तैयार करना है।
4.
गुजरात में सबसे पुराना प्रामाणिक लेख, जिसमें नागरी अक्षर भी हैं, मुर्जरवंशी राजा जयभट (तीसरे) का कलचुरि (चेदि) संवत् ४ ५ ६ (ई ० स ० ७ ० ६) का ताम्रपत्र हैं ।